धर्म न्याय युद्ध करो

प्रार्थना के उज्जवल पथ पर निरंकुश निरअभिमान चलो , सतत जीवन पथ दुर्गम पर सत्य पुंज आलोकित करो । नित्य निमित्त संशय विहीन बन संग्राम रथ अविकल बनो , अथक अटल विश्वास लेकर धर्म न्याय नित युद्ध करो । अजर अमर नव प्राण निशदिन ऊर्जा पुंज नव घ्राण करो , विस्मृत आत्मसम्मान प्रकट कर दुर्गम उच्च पथ प्रयाण करो । अभय अनंत आकाश बनकर आदित्य-रथ अविराम धरो , अक्षय पुंज अतुल्य विराट धर अविरल अद्भुत भवसार बनो । ...